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  Index-Store Department Guide - Indian Railway (Hindi)  Index - Store Department Guide - Indian Railway (English)

संक्षिप्त टिप्पणीयां

35. संक्षिप्त टिप्पणियाँ
(Short Notes)
1. कस्टडी स्टोर (Custody Stores)
इन भण्डारों में मुख्य रूप से वे मदें आती हैं, जो केपीटल और रेवेन्यू प्रोग्राम के अन्तर्गत रोलिंग स्टॉक के निर्माण के लिए यांत्रिक विभाग के लिए प्राप्त की जाती है। ये भण्डार सीधे ही प्राप्त करके इनका भुगतान कर दिया जाता है और इनकी लागत तुरन्त सम्बन्धित निर्माण कार्य को डेबिट कर दी जाती है। आवश्यकता पड़ने तक वर्कशॉप में रखने के बजाय ऐसे भण्डार को भण्डार डिपो की कस्टडी में रखा जाता है और विभाग द्वारा समुचित रिकार्ड रखा जाता है।

2. आपाती भण्डार (Emergency Stores)
कुछ मदें ऐसी होती है जो साधारणतया घिसती पिटती नहीं हैं या जिनके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती है और जिनके स्टॉक भारत में सहज ही उपलब्ध नहीं होते परन्तु यदाकदा आपाती स्थितियों को पूरा करने के लिए उनका अनुरक्षण अनिवार्य है। ऐसी मदों के रूप में अतिरिक्त पुर्जी और बिजली की दुहरी मशीनों का उल्लेख किया जा सकता है, जिन्हें खराब हो जाने की स्थिति में आपाती स्थिति के लिए अनुरक्षित किया जाता है। ऐसे भण्डार को आपाती भण्डार कहते हैं।

यदि दो वर्ष या इससे अधिक अवधि तक इनका निर्गम नहीं किया जाता है तो इन्हें सरप्लस स्टोर घोषित नहीं किया जावेगा।

3. चार्ज ऑफ स्टोर (Charged Off Stores)

चार्ज्ड ऑफ स्टोर वह भण्डार कहलाता है जिसे राजस्व कार्य के खर्चों (Revenew Working Expenses) के फाइनल हैड में चार्ज्ड किया जा चुका होता है, लेकिन विभाग के संरक्षण में वह अधीनस्थ द्वारा जितना जरूरी हो उतना इश्यू किया जाता है। चार्ज्ड ऑफ स्टोर के अन्तर्गत निम्न भण्डार आता है
(i) कन्जूमेबल स्टोर जैसे कॉटन वेस्ट, जूट, ग्रीस, ऑयल आदि जो सामान्य मरम्मत और मेन्टीनेन्स के लिए इश्यू किया जाता है।
(ii) कम मूल्य का सामान (Petty Value Stores) जैसे पेचवर्क, बिल्डिंग रिपेयर का सामान आदि।
(iii) विशिष्ट कार्यों में उपयोग किया जाने वाला सामान ।
(iv) टूल्स एण्ड प्लान्ट्स ।

4. पेअरिंग ऑफ वाउचर (Pairing of Vouchers)
भण्डार डिपो द्वारा जब किसी मांगकर्ता को भण्डार इश्यू किया जाता है तब भण्डार के साथ इश्यू वाउचर आवश्यक प्रतियों के साथ भेजा जाता है। मांगकर्ता भण्डार प्राप्त करने के बाद वाउचर की अपनी प्रति अपने रिकार्ड में रख लेता है और डिपो की प्रति को प्रमाणित करके पुनः भण्डार डिपो को भेज देता है। इस प्रकार मांगकर्ता द्वारा लौटाई गई प्रति को भण्डार डिपो के भण्डार इश्यू करने वाले वार्ड में रिकार्ड प्रति के साथ संलग्न कर दिया जाता है। इसे पेअरिंग ऑफ वाउचर कहते हैं।

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