3. भण्डार डिपो की संरचना (Layout of Stores Depot)
डिपो का अर्थ वह स्थान है जहाँ पर विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त भण्डार एकत्रित कर भण्डारित किया जावे एवं उपभोक्ता विभागों को वितरित किया जा सके।
एक आदर्श डिपो की संरचना इसी दृष्टिकोण से की जाती है कि, जिस विभाग विशेष की भण्डारों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है उसको अधिकतम सीमा तक वह भण्डार की निर्बाध आपूर्ति कर सके। सामानों को डिपो में लाने औऔर ले जाने की सुविधाएँ, भण्डार की लोडिंग-अनलोडिंग, माप-तौल और निरीक्षण की सुविधाएँ, सामानों के भण्डारण और निर्गम की सुविधाएँ पर्याप्त होनी चाहिए जिससे डिपो के कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न न हो। सुरक्षा एवं संरक्षा के दृष्टिकोण से भी व्यवस्था पर्याप्त होनी चाहिए।
एक आदर्श डिपो में निम्न विशेषताऐं अपेक्षित है
1. कम से कम स्थान का अधिकतम उपयोग ।
2. कम मेहनत में अधिकाधिक कार्य सम्पन्न किए जाने के दृष्टिकोण से भण्डारण की व्यवस्था ऐसी हो कि कम समय में कार्य सम्पन्न हो जाए और हैण्डलिंग अधिक न करनी पड़े।
3. निरीक्षण कार्य के लिए सुरक्षित सुविधाजनक स्थान ।
4. सबसे पहले आने और सबसे पहले निर्गम वाले भण्डार की नीति का पालन किया जा सके, उसके लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएँ।
5. मानव श्रम शक्ति और यंत्रों का अधिकतम लाभ उठाया जा सके, उसके लिए आवश्यक साधन ।
6. कार्य करने वाले व्यक्तियों के मनोबल को ऊँचा बनाए रखने के लिए पर्याप्त साधन और सुविधाएँ।
डिपो की नींव रखते समय ध्यान में रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बिन्दु-
1. भण्डार के सम्बन्ध में (Material Factor): कितनी वस्तुएँ भण्डारित की जानी है और उनके लिए कितने गोदामों और वार्डों की आवश्यकता होगी।
2. भवन के सम्बन्ध में (Building Factor)
वस्तुओं की किस्मों के आधार पर गोदामों और वार्डों का आकार-प्रकार तय करना चाहिए। सामानों के भण्डारण की सुविधाओं के अनुसार ए.सी., नॉन-ए.सी. गोदामों की आवश्यकता और संख्या सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। चोरी, आग आदि से सुरक्षा के लिए गोदामों के दरवाजे मजबूत होनी चाहिए और अग्निशमन यंत्रों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली के मैन स्विचों को बाहर से बन्द करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
सामानों की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए पर्याप्त प्लेटफार्म, गुड्स साइडिंग, मोटर, ट्रक, लॉरी आदि के आने-जाने के लिए पक्की सड़कें आदि बनी होनी चाहिए। सामानों को वार्डों में पहुँचाने की सुविधानुरूप प्राप्ति अनुभाग बीचों-बीच उचित जगह पर होना चाहिए। इसके अतिरिक्त निम्न बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है-
(i) कार्यालय के लिए उचित स्थान।
(ii) आवागमन के लिए पक्की सड़कों का प्रावधान ।
(iii) आग से सुरक्षा के लिए सेप्टिक टैंक, फायर बकेट्स, पानी के नल आदि का प्रावधान।
(iv) वस्तुओं की किस्मों के अनुसार गोदामों का प्रावधान।
(v) 10 फुट ऊँची चारदीवारी जिस पर कांच या कांटेदार तार लगे हों,
(vi) सामानों को लाने-ले जाने के लिए मेन गेट। दूसरा गेट मालगाड़ी से भण्डार को अन्दर लाने और भेजने एवं स्टोर डिलीवरी वैन से भण्डार भेजने के लिए होना चाहिए, शंटिंग न होने की स्थिति में ताला लगाकर बन्द करने का प्रावधान होना चाहिए।
3. मानव शक्ति के सम्बन्ध में (Man Power)
भण्डार डिपो में कार्य करने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारियों तथा सुरक्षा कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति होनी चाहिए।
4. सेवा व्यवस्था (Service Factor): एक आदर्श डिपो में निम्नलिखित आवश्यक सेवा व्यवस्था होनी चाहिए-
(i) आवश्यक रोशनी, पानी एवं स्वच्छ हवा के पर्याप्त उपाय।
(ii) कर्मचारियों के लिए केन्टीन, शौचालय, मूत्रालय एवं कार्यस्थल पर सफाई की व्यवस्था। कर्मचारियों के भोजन, हाथ धोने, वस्त्र इत्यादि रखने के लिए पर्याप्त सुविधा एवं स्थान।
(iii) सुरक्षाकर्मियों के लिए मेन गेट के पास गुमटी या चौकी की व्यवस्था, जहाँ से वे सामान की निगरानी कर सकें।
(iv) टाइम ऑफिस की व्यवस्था उचित स्थान पर होनी चाहिए, जहाँ कर्मचारियों की उपस्थिति और बाहर आने-जाने की गतिविधियों पर ध्यान रखा जा सके तथा गेट पास से बाहर जाने की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
(v) डिपो परिसीमा के निकट कर्मचारियों के आवास, कॉलोनियों की व्यवस्था।
5. सुरक्षा एवं संरक्षण (Security & Safety Factor)
रेल सुरक्षा बल के कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति होनी चाहिए।
6. गुंजाइश (Flexibility):
डिपो का खाका इस ढंग से तैयार किया जाना चाहिए कि आवश्यकता पड़ने पर उसमें निर्माण कार्य आदि परिवर्तन किए जा सकें। अतः भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही डिपो का निर्माण किया जाना चाहिए।