मांगपत्र (Indent)
स्टॉक एवं गैर-स्टॉक मदों की मांग के लिए प्रपत्र सं. S-1302 पर 3 कार्बन प्रतियों में मांग पत्र तैयार किया जाता है। इसके अन्तर्गत निम्न विवरण दर्शाये जाते है
(i) मांगकर्ता
(ii) कन्साइनी
(iii) कन्साइनी कोड
(iv) मांग पत्र संख्या एवं दिनांक
(v) सामान का विवरण
(vi) मूल्य सूची संख्या
(vii) मांगी गई मात्रा अंकों व शब्दों में
(viii) डिपो
(ix) यूनिट
(x) एलोकेशन
(xi) प्रयोजन
(xii) पिछले क्रय का ब्यौरा
(xiii) दर
(xiv) मूल्य
(xv) सामग्री जहां अपेक्षित है।
उपरोक्त के अतिरिक्त निम्न विवरण यदि आवश्यक हो तो, दिये जाते हैं
(i) मांगकर्ता के पास स्टॉक में मात्रा
(ii) अन्य मांगपत्रों की पूर्ति के लिए कुल मात्रा
(iii) बकाया खरीद की पूर्ति के लिए कुल मात्रा
(iv) पिछले तीन वर्षों के दौरान खपत
(v) बकाया मांग पत्रों का ब्यौरा
(vi) दरों सहित बकाया क्रय आदेशों का ब्यौरा
(vii) सम्भावित आपूर्तिकर्ता (यदि कोई हो)
(viii) स्वामित्व वस्तु प्रमाण पत्र (Proprietory Article Certificate)
(ix) तुरन्त खरीद के कारण
(x) आवश्यकता प्रमाण पत्र ।
मांग पत्र पर कन्साइनी एवं नियंत्रण अधिकारी के हस्ताक्षर होने के बाद निधि उपलब्धता (Fund Availability) के प्रमाणन हेतु लेखा विभाग को भेजा जाता है।
लेखा विधीक्षा (Vetting):
सभी मांगों की निम्न स्थितियों में लेखा विधीक्षा करवाना आवश्यक है
स्टॉक मदों के मामलों में
(i) यदि मांगी गई मद गैर सेफ्टी है और उसकी कीमत रु. 50 हजार से अधिक हो,
(i) यदि मांगी गई मद सेफ्टी किस्म की है और उसकी कीमत एक लाख रुपये से अधिक हो।
गैर-स्टॉक मदों के मामलों में
(i) यदि गई मद गैर सेफ्टी की है और उसकी कीमत एक लाख रु. से अधिक हो,
(ii)यदि मांगी गई मद सेफ्टी किस्म की है और उसकी कीमत दो लाख रुपये से अधिक हो।
प्रत्येक मद के लिए अलग-अलग मांग पत्र बनाये जाते हैं। मांग पत्र की 3 प्रतियों में से दो प्रतियां भण्डार विभाग को भेजी जाती है, और अन्तिम प्रति रिकार्ड में रख ली जाती है।